वाराणसी के सबसे बड़े सामूहिक हत्याकांड, जिसमें एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या हुई थी, में पुलिस की जांच एक नए मोड़ पर पहुंच चुकी है। इस हत्याकांड में पहले संदेह जताया जा रहा था कि राजेंद्र गुप्ता ने अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या की, लेकिन मंगलवार को उनका शव उनके निर्माणाधीन मकान में 10 किलोमीटर दूर लठिया इलाके में मिलने से पुलिस का शक गहरा गया है।
सोमवार की रात शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू, बेटे नमनेंद्र और शिवेंद्र, तथा बेटी गौरांगी की लाश उनके घर में खून से लथपथ हालत में पाई गई थी। घटना के बाद से राजेंद्र लापता थे, जिससे पुलिस का संदेह उन पर था। लेकिन मंगलवार को जब राजेंद्र का शव लठिया स्थित मकान में बिस्तर पर दो गोली के निशानों के साथ मिला, तो इस मामले ने सनसनीखेज मोड़ ले लिया।
शव पर दो गोलियों के निशान मिलने से पुलिस आत्महत्या की आशंका से इतर जाकर रंजिश और दुश्मनी के एंगल से जांच कर रही है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, राजेंद्र गुप्ता प्रत्यक्ष रूप से शराब के व्यवसाय में शामिल नहीं थे; वे अपनी जमीनें ठेके पर देते थे और उनसे किराया पाते थे। अब पुलिस उनकी संपत्तियों और करीबी लोगों से जुड़े विवादों की जांच में जुटी है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इसे पारिवारिक रंजिश का मामला होने की संभावना जताई है। इस हत्याकांड के पीछे किसी गहरी साजिश का भी शक किया जा रहा है। पुलिस ने घटनास्थल से जुटाए गए फोरेंसिक और अन्य सबूतों का विश्लेषण किया है, और अब राजेंद्र के संपर्क में रहने वाले संदिग्धों की तलाश के लिए कई टीमें आसपास के जिलों में भेजी गई हैं।
इस मामले पर पुलिस की रणनीतिक बैठक में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर अपराध डॉ. के. एजिलरसन ने 24 से 48 घंटों के भीतर कुछ नए राज खुलने का संकेत दिया है। पुलिस अब इस बात का पता लगाने में जुटी है कि क्या राजेंद्र और उनके परिवार की हत्या व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है।
शहर में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, और पुलिस की आगे की जांच से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस सामूहिक हत्याकांड का पर्दाफाश होगा।