गाजीपुर/मरदह। एंटी करप्शन की टीम ने कासिमाबाद तहसील के पिपनार गांव में तैनात लेखपाल को गुरुवार को 5000 रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद लेखपाल के समर्थन में ग्रामीण और लेखपाल संघ के सदस्य कोतवाली में धरने पर बैठ गए। रात 10 बजे तक धरना जारी था।
शिकायत और कार्रवाई:
पिपनार निवासी चंद्रजीत यादव ने 26 दिसंबर को एंटी करप्शन वाराणसी से शिकायत की थी कि नाली और चक मार्ग की पैमाइश के लिए लेखपाल द्वारा 5000 रुपये की मांग की जा रही है। शिकायत की पुष्टि होने पर गुरुवार को एंटी करप्शन की टीम ने योजना बनाकर लेखपाल और करंडा थाना क्षेत्र के बेलासी गांव निवासी श्याम सुंदर गौड़ को पिपनार के चक रोड तिराहा के पास रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद विरोध:
गिरफ्तारी के बाद कुछ स्थानीय लोगों और एंटी करप्शन टीम के बीच कहासुनी हो गई। विरोध बढ़ता देख टीम आरोपी को सीधे शहर कोतवाली ले गई। शाम को ग्राम प्रधान के पति समेत 50 से अधिक ग्रामीण कोतवाली पहुंचे और आरोप लगाया कि लेखपाल को फर्जी तरीके से फंसाया गया है। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष रमेश राम के नेतृत्व में संघ के सदस्य भी धरने पर बैठ गए।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:
धरने की सूचना पर एसडीएम सदर प्रखर उत्तम, एसडीएम कासिमाबाद आशुतोष कुमार और सीओ सदर सुधाकर पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे।
टीम का बयान:
एंटी करप्शन वाराणसी के ट्रैप टीम प्रभारी उमाशंकर यादव ने बताया कि लेखपाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। विरोध करने वालों के आरोप निराधार हैं।