कहते हैं कि हुनर हर मुश्किल को पार कर सकता है, लेकिन जब उसकी ताकत पर ताले जड़ दिए जाएं, तब वह बेबस और बेजान हो जाता है। एक तस्वीर, जिसमें कैंची को ताले में बंद दिखाया गया है, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। यह तस्वीर न केवल एक कलात्मक सोच का नतीजा है, बल्कि समाज की उन जंजीरों पर तीखा सवाल भी खड़ा करती है, जो प्रतिभा को पनपने से रोकती हैं।
यह दृश्य साफ बताता है कि अगर किसी के कौशल को बंधनों में जकड़ दिया जाए, तो उसकी उपयोगिता समाप्त हो जाती है। कैंची, जो कटने और रचनात्मकता का प्रतीक है, ताले में जकड़ी हुई है। यह स्थिति उन युवाओं, महिलाओं और समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की कहानी को दर्शाती है, जिनकी क्षमताओं को दबा दिया गया है।
हमारे आसपास ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां प्रतिभा को अवसरों की कमी और सामाजिक बंधनों ने कैद कर रखा है। शिक्षा की कमी, अवसरों की अनुपलब्धता और सामाजिक भेदभाव के ताले ने न जाने कितने हुनर को खत्म कर दिया है।
यह तस्वीर एक सख्त संदेश देती है कि समाज को अपनी सोच और व्यवस्था के उन ताले तोड़ने होंगे, जो किसी भी व्यक्ति की रचनात्मकता और काबिलियत को बाधित करते हैं। जब तक हर हुनर को पनपने की आजादी नहीं दी जाएगी, तब तक समाज की प्रगति अधूरी रहेगी।
अब समय आ गया है कि ऐसे हर ताले को तोड़कर हुनर को आजाद किया जाए और हर व्यक्ति को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले। तस्वीर में दिखने वाले ताले को तोड़ने की जरूरत सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि समाज के बदलाव की शुरुआत है।