आज, 6 जनवरी, सिख धर्म के दसवें गुरु और खालसा पंथ के संस्थापक श्री गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पूरे देश में अपार उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। यह पावन दिन न केवल सिख समुदाय बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा और उत्सव का प्रतीक है।
गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन त्याग, निडरता और धर्म की रक्षा के लिए किए गए अभूतपूर्व बलिदानों से भरा है। उन्होंने अपने चार साहिबजादों और पिता गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान देकर सिखाया कि धर्म और मानवता के लिए समर्पण सबसे बड़ा कर्तव्य है।
आज देशभर में गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन होगा। पटना साहिब, जहां गुरु जी का जन्म हुआ था, विशेष श्रद्धा और भव्यता के साथ सजाया गया है। लोग सुबह से ही गुरुद्वारों में मत्था टेकने और सेवा में भाग लेने के लिए उमड़ेंगे।
गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कर समाज में समानता, न्याय और धर्म की रक्षा का संदेश दिया। उनका जीवन सिखाता है कि सत्य और धर्म की राह पर चलने वाले कभी हार नहीं मानते।
आज की इस पावन जयंती पर, देशभर में उनके आदर्शों को याद कर प्रेरणा ली जाएगी। गुरु गोविंद सिंह जी के त्याग, साहस और धर्म की रक्षा के लिए किए गए संघर्ष को नमन करते हुए, हर व्यक्ति उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेगा।
श्री गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि वंदन!