लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। यह फैसला एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है जब पार्टी देशभर में अपने संगठन को फिर से मजबूत करने की दिशा में प्रयासरत है।
मायावती, जो बसपा के संस्थापक कांशीराम की राजनीतिक उत्तराधिकारी मानी जाती हैं, ने चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी छाप छोड़ी है। उनका पुन: राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना न केवल उनके नेतृत्व पर पार्टी के विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि पार्टी उन्हें आगे की रणनीति में महत्वपूर्ण मानती है।बैठक के दौरान पार्टी नेताओं ने उनके अनुभव और दिशा-निर्देशन की प्रशंसा की।
मायावती ने अपने संबोधन में कहा कि वह दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के हितों के लिए संघर्ष करती रहेंगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आगामी चुनावों में बसपा एक नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी, जिसमें युवाओं और समाज के वंचित वर्गों को अधिक महत्व दिया जाएगा।यह कदम आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र बसपा की भविष्य की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।