उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक नई सोशल मीडिया पॉलिसी को मंजूरी दी है, जो कई कड़े प्रावधानों से लैस है। इस नीति के अंतर्गत सोशल मीडिया पर देशविरोधी कंटेंट पोस्ट करने वालों के लिए उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, जो लोग सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर साझा करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से आठ लाख रुपये तक का विज्ञापन भी दिया जाएगा।सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे फर्जी समाचार, अफवाहें और देशविरोधी कंटेंट के चलते राज्य की सुरक्षा और अखंडता को खतरा हो सकता है। इ
स पॉलिसी के तहत ऐसे किसी भी कंटेंट को पोस्ट करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पॉलिसी को लागू करने का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि, “सोशल मीडिया का उपयोग सही दिशा में होना चाहिए, और जो भी इसका दुरुपयोग करेगा, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। राज्य की सुरक्षा और देश की अखंडता से समझौता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”सोशल मीडिया पर सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अपनी योजनाओं और उपलब्धियों के प्रचार करने वालों को प्रोत्साहन देने का फैसला भी लिया है। जो भी व्यक्ति या संस्था सोशल मीडिया पर सरकार की नीतियों और योजनाओं की जानकारी साझा करेगा, उसे विज्ञापन के रूप में आठ लाख रुपये तक का प्रोत्साहन मिलेगा।
यह कदम सरकार की योजनाओं को अधिक से अधिक जनता तक पहुंचाने और सही जानकारी फैलाने के उद्देश्य से उठाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से सरकारी योजनाओं के प्रति जनता में जागरूकता बढ़ेगी और झूठी अफवाहों पर लगाम लगेगी।हालांकि इस पॉलिसी को लेकर कई पक्ष और विपक्ष की राय सामने आई है। जहां कुछ लोगों ने इसे आवश्यक कदम बताते हुए समर्थन किया है, वहीं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थकों का मानना है कि इस तरह के कड़े प्रावधान नागरिक अधिकारों पर अतिक्रमण कर सकते हैं। सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस पॉलिसी के लागू होने से लोगों के बीच भय का माहौल बन सकता है, जिससे स्वतंत्र और निष्पक्ष संवाद बाधित हो सकता है। वहीं, सरकार के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि यह पॉलिसी केवल उन व्यक्तियों पर लागू होगी, जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं या सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की नई सोशल मीडिया पॉलिसी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जिम्मेदार और सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है। हालांकि इसके कड़े प्रावधानों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, फिर भी राज्य की सुरक्षा को देखते हुए इस नीति को सही दिशा में उठाया गया कदम माना जा सकता है। अब यह देखना होगा कि यह पॉलिसी राज्य में सोशल मीडिया के उपयोग को कैसे प्रभावित करती है और क्या यह लोगों के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाने में सफल होती है।