18 दिसंबर आज पूरे देश में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके विकास की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है, जो भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
18 दिसंबर 1992 को भारत सरकार द्वारा इसकी स्थापना की गई थी। देश में मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदायों को अल्पसंख्यक वर्ग में शामिल किया गया है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यकों को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनके हितों की रक्षा सुनिश्चित करना है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा, संस्कृति और शिक्षा के अधिकार की गारंटी देते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उनकी पहचान, अधिकार और स्वतंत्रता सुरक्षित रहे।
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सभी समुदायों के बीच सौहार्द, समानता और समावेशी विकास के संदेश को आगे बढ़ाता है। समाज को चाहिए कि सभी वर्गों के विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करें ताकि देश की प्रगति में हर समुदाय का योगदान सुनिश्चित हो।
सहयोगी संवाददाता – राजकपूर रावत