मुहम्मदाबाद- गाजीपुर प्रतिबंधित कातिल मंझे की बिक्री पर प्रशासन सख्त है। स्थानीय बाजारों में यदि कोई दुकानदार इसे बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो तुरंत कार्रवाई की जाती है। हाल ही में कई छोटे दुकानदारों पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हुई है।
वहीं, दूसरी ओर, यह मंझा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर खुलेआम बिक रहा है। ग्राहक इसे घर बैठे मंगा सकते हैं, लेकिन इस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह दोहरी नीति को दर्शाता है। गरीब दुकानदारों पर सख्ती होती है, लेकिन बड़े प्लेटफॉर्म्स पर कोई रोक नहीं है।
सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि कानून सभी पर समान रूप से लागू हो। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि बाजारों के साथ-साथ ऑनलाइन बिक्री पर भी सख्त रोक लगाई जाए। जनता अब जवाब चाहती है कि क्या अमीर और बड़े प्लेटफॉर्म्स के लिए कानून अलग है?