गाजीपुर, 31 जनवरी: समाज में सुधार और इसलाह-ए-मोआशरा को मजबूत करने के उद्देश्य से गंगा पार क्षेत्र के मोहम्मदाबाद में विशेष बैठकों का आयोजन किया गया। पूर्व अध्यक्ष हाजी अब्दुल कलाम और पर्यवेक्षक मौलवी अबरार के नेतृत्व में ग्राम सभा मूर्की खुर्द, मूर्की बुजुर्ग, मच्छटी, रानीपुर और फखनपुरा में सामाजिक बुराइयों को खत्म करने और शादी-विवाह से जुड़े अनावश्यक रस्मों को समाप्त करने के लिए बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों में नई कमेटियों के गठन पर भी विचार किया गया।

दिनांक 31 जनवरी को जुमे की नमाज के बाद ग्राम सभा मूर्की खुर्द में एक खुली बैठक आयोजित की गई, जिसमें नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें हाजी मौयनुद्दीन खान को संरक्षक, समीउल्लाह खान (प्रधान) को अध्यक्ष, नूरुल हक खान को उपाध्यक्ष, खान अहमद जावेद को सचिव, इलियास खान को सह-सचिव, अब्दुल मन्नान खान को संयुक्त कोषाध्यक्ष और अब्दुल वहाब खान को सदस्य बनाया गया। इसके अलावा, सहाबुद्दीन खान उर्फ साहब, अब्दुल्ला खान, शकील खान, तुफैल खान, कौसर खान, मोहिद्दीन खान, सिराजुद्दीन खान उर्फ बेचू, नसीम खान और परवेज खान को भी समिति में शामिल किया गया।
इसी प्रकार ग्राम सभा मूर्की बुजुर्ग में भी खुली बैठक आयोजित की गई, जिसमें अयूब खान को अध्यक्ष, नजीर अहमद खान को उपाध्यक्ष, तसोबर खान को सचिव, अफरोज खान को सह-सचिव और अब्दुल समद खान, सलाउद्दीन खान व मुनीर खान को समिति सदस्य के रूप में चुना गया।
इस अवसर पर पर्यवेक्षक मौलवी अबरार खान ने कहा, “हर दौर में सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए संघर्ष किया गया है। शुरुआत में इसका विरोध होता है, लेकिन बाद में समाज इसे स्वीकार करता है और सुधार का प्रभाव दिखने लगता है।”
पूर्व अध्यक्ष हाजी अब्दुल कलाम ने अपने संबोधन में कहा कि “जब तक विवाह सादगी से नहीं होंगे, समाज परेशान रहेगा। इस्लाम में शादी को आसान बनाने की जो हिदायत दी गई है, उसका पालन किया जाए तो सामाजिक बुराइयां कम होंगी।”
जावेद खान की रिपोर्ट