रेयाज अहमद की रिपोर्ट
मोहम्मदाबाद- गाजीपुर। इमामे हुसैन और उनके वफ़ादार साथियों की शहादत की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम के अवसर पर जनपद गाजीपुर में सातवीं तारीख को अकीदतमंदों ने गम और अकीदत के साथ झंडा जुलूस निकाला। मोहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र अंतर्गत यूसुफपुर और मोहम्मदाबाद नगर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी परंपरा के अनुसार श्रद्धालु सड़कों पर उतरे।
लोगों ने अपने-अपने गंतव्य स्थान से झंडा उठाया और “नारे तकबीर… अल्लाह-हु-अकबर” तथा “या हुसैन… या अली” की सदाओं के साथ जुलूस की शक्ल में कर्बला की ओर रवाना हुए। पूरे माहौल में ग़म और अकीदत की फिजा नजर आई। जुलूस के आगे-आगे ढोल-नगाड़े और तासों की गूंज से पूरा इलाका गमगीन और अकीदतमंद माहौल में डूबा रहा। मोहल्लों, गलियों और मुख्य सड़कों से गुजरते हुए यह जुलूस नगर में बनाए गए कर्बला स्थान पर पहुंचकर संपन्न हुआ।
इस मौके पर समाजसेवियों और हुसैन के चाहने वालों ने इंसानियत और खिदमत की मिसाल पेश करते हुए रास्ते में जगह-जगह ठंडे शरबत, पानी और दूध के शरबत की सबील लगाई।
अकीदतमंदों ने कर्बला के तपते रेगिस्तान में इमामे हुसैन और उनके साथियों की दी गई कुर्बानी को याद करते हुए ग़मगीन माहौल में जुलूस में शिरकत की। सातवीं मोहर्रम की यह रस्म आज भी उसी जज़्बे, एहतराम और भाईचारे के साथ निभाई जा रही है, जो सदियों से कायम है।
इस मौके पर लोगों ने दुआ की कि कर्बला की कुर्बानी से इंसानियत को सबक मिले और समाज में अमन, शांति व भाईचारा बना रहे।